Monday 2 January 2017

दो अंकोवाले प्रश्न-हिंदी वल्लरी 10 वीं कक्षा

* पाठ:- कर्नाटक संपदा
१.कर्नाटक की प्रमुख नदियाँ और जलप्रपात कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :- कर्नाटक की प्रमुख नदियाँ- कावेरी, कृष्णा, भद्रावती आदि । कर्नाटक की प्रमुख जलप्रपात- जोग, अब्बी, गोकाक, शिवन समुद्र आदि ।
२. बाँध और जलाशयों के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर :- बाँध और जलाशयों के उपयोग - १.इनसे से हजारों एकड जमीन सींची जाती है । २.इनकी सहायता से ऊर्जा-उत्पादन केंद्र भी स्थाअपित किये गये हैं ।
३. कर्नाटक के कुछ राजवंशों के नाम लिखिए ।
उत्तर :- कर्नाटक के कुछ राजवंशों के नाम- गंग, कदंब, राष्ट्रकूट, चालुक्य, होयसल, ओडेयर आदि ।
* पाठ :- तुलसी के दोहे
१. मनुष्य को हंस की तरह क्या करना चाहिए ?
उत्तर :- तुलसीदास जी ने साधु को हंस से तुलना करते हैं । मनुष्य को भी हंस तरह श्वेत सत्य-निष्ठा का पालन-पोषण करें । हंस का गुण दूध जैसा है, जो पानी से सब विकार त्याग देता है।
२. मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रकाश कब फैलता है ?
उत्तर :- जिस तरह एक दीप पूरे घर-आँगन को प्रकाशमय करता है, उसी तरह मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रकाश राम नाम जपने से फैलता है ।
* पाठ :- रवींद्रनाथ ठाकुर
१. शांतिनिकेतेन का आशय क्या था ?
उत्तर:- शांतिनिकेतेन का आशय यह था कि औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ युवक-युवतियों की प्रतिभा तथा कौशल की अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक मंच का निर्माण हो ।
२.शिक्षा-क्षेत्र को रवीन्द्र जी की देन क्या है?
उत्तर:- लोगों को उत्तम शिक्षा देने के लिए शान्ति-निकेतन की स्थापना की। ’शान्ति-निकेतन’ आज कला, संगीत, नृत्य, चित्रकला के परिष्कृत अध्ययन-अध्यापन के लिए एक आदर्श विश्वविद्यालय के रुप में प्रसिद्ध है।
३. गीतांजलि के बारे में लिखिए।
उत्तर :- गीतांजलि के बारे में –
१.रवींद्र जी ने गीतांजलि का सन 1912 में अंग्रेजी में अनुवाद किया।
२.सन 1913 में इस कृति को ’नोबल पुरस्कार’ मिला।
३.गीतांजलि के एक-एक गीत भावों से परिपूर्ण और संगीत की माधुरी से संसिक्त हैं।
* पाठ :- इंटरनेट क्रान्ति
१.संचार व सूचना के क्षेत्र में इंटरनेट का क्या महत्व है ?
उत्तर :- इंटरनेट से दूर रहते रिश्तेदार या दोस्तों को पल भर में, बिना ज्यादा खर्च किए कोई भी विचार हो, स्थिर चित्र हो, वीडिओ चित्र हो, दुनिया के किसी कोने में भेजना मुमकिन हो गया है । इस तरह संचार और सूचना क्षेत्र में इंटरनेट का बहुत ही महत्व है ।
२. इंटरनेट से कौन सी हानियाँ हो सकती हैं ?
उत्तर :- इंटरनेट की कुछ हानियाँ भी हैं –
१.इंटरनेट की वजह से पैरसी, बैंकिंग फ्रॉड, हैकिंग (सूचना/खबरों की चोरी) आदि बढ रही हैं ।
२. मुक्त वेब साइट, चैटिंग आदि से युवा पीढी ही नहीं बच्चे भी इंटरनेट की कबंध बाँहों के पाश में फँसे हुए हैं ।
३. इससे वक्त का दुरुपयोग, अनुपयुक्त और अनावश्यक जानकारी हासिल कर रहे हैं ।
३. व्यापार और बैंकिंग में क्या मदद मिलती है ?
उत्तर :- इंटरनेट द्वारा घर बैठे-बैठे खरीददारी कर सकते हैं । कोई भी बिल भर सकते हैं । इंटरनेट बैकिंग द्वारा दुनिया की किसी भी जगह पर चाहे जितना भी रकम भेजा जा सकता है ।
* पाठ :- गिल्लू
१.महादेवी वर्मा जी ने गिलहरी को क्या-क्या सिखाया ?
उत्तर :- लेखिका ने गिलहरी को अनेक बातें सिखायी है, खिडकी की खुली जाली की राह बाहर चला जाता है और गिलहरियों के साथ खेल-कूदकर ठीक चार बजे खिडकी से भीतर आता है । भोजन के समय थाली के पास बैठना सिखाया, वहीं बैठकर बडी सफाई से एक-एक चावल खाता रहता । गर्मियों में लेखिका के पास रखी सुराही पर चुपचाप लेट जाता ।
२. महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए गिल्लू कहाँ-कहाँ छिप जाता था ?
उत्तर :- महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता, कभी परदे के चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में ।
३. गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :- एक दिन महादेवी वर्मा जी ने देखा कि गमले के पास गिलहरी का एक छोटा बच्चा घोसले से नीचे गिर पडा है । हौले से उसे उठाकर अपने कमरे में ले आयी फिर रूई से रक्त पोंछकर घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया । उसे गिल्लू कहकर पोकारने लगे । एक हल्की डलिया में रुई बिछाकर उसे तार से खिडकी पर लटका दिया । उसे खाने में स्वादिष्ट काजू और बिस्कुट देती । गिलहरियों के साथ खेलने के लिए बाहर छोडती । खाने के समय अपने साथ अपने थाली में उसे भी खिलाती । गर्मियों में महादेवी वर्मा जी के पास सुराही पर ही लेट जाता । पंजे इतने ठंडे हो रहे थे कि लेखिका ने जागकर हीटर जलाया और उसे उष्णता देने का प्रयत्न किया ।  दो साल बाद गिल्लू चिर निद्रा में सो गया, सोनजुही की लता के नीचे ही उसकी समाधि बनाई गयी । उसकी मृत्यु से महादेवी वर्मा जी को बहुत दुख हुआ । ऐसी थी गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता ।
* पाठ :- आत्मकथा
१. अंग्रेजी अध्यापक से भीष्म साहनी को कैसी प्रेरणा मिली ?
उत्तर :- अंग्रेजी अध्यापक ने इस दकियानूसी, संकीर्ण, घुटन भरे वातावरण में से भीष्म साहनी को खींचकर बाहर निकाल लिया । उनकी प्रेरणा से ही भीष्म साहनी कलम आजमाई करने लगे ।
२. साहनी जी ने किस उद्देश्य से खादी पहनना शुरु किया ?
उत्तर :- साहनी जी ने इस उद्देश्य से खादी पहनना शुरु किया कि- खादी-पाजामा पहनकर सडकों पर घूमते, अंदर ही अंदर इस उम्मीद से कि पुलिसवाले इसको विद्रोह मानकर साहनी जी को गिरफ्तार कर लेंगे ।
३. साहित्य के संबंध में साहनी जी का राय क्या है ?
उत्तर :- साहित्य के संबंध में साहनी जी का राय है कि- अपने से अलग साहित्य नाम की चीज भी नहीं होती । जैसे मैं हूँ, वैसे ही मैं रचनाएँ भी रच पाऊँगा । मेरे संस्कार, अनुभव, मेरा व्यक्तित्व, मेरी दृष्टि सभी मिलकर रचना की सृष्टि करते हैं ।
* पाठ :- साहित्य सागर का मोती
१. डॉ. कंबार जी को लोक साहित्य में रुचि कैसे उत्पन्न हुई ?
उत्तर :- डॉ. कंबार जी शुरु से ही पौराणिक प्रसंगों को मन लगाकर सुनते थे । सामान्य जनता के जीवन में उनको अधिक दिलचस्पी थी । लिखने लगे । और इस तरह डॉ. कंबार जी को लोक साहित्य में रुचि उत्पन्न हुई ।
२. डॉ. कंबार जी को प्राप्त किन्हीं चार पुरस्कारों के नाम लिखिए ।
उत्तर :-  डॉ. कंबार जी को प्राप्त चार पुरस्कार कर्नातक राज्योस्तव, कर्नाटक नाटक अकादमी, पंप प्रशस्ति, पद्मश्री, मास्ती प्रशस्ति, कबीर सम्मान. भारत सरकार द्वारा ’संगीत अकादमी फेलोशिप’ तथ ज्ञानपीठ पुरस्कार आदि ।
३. राष्ट्रभाषा हिन्दी के बारे में डॉ. कंबार जी के क्या विचार हैं ?
उत्तर :- राष्ट्रभाषा हिन्दी के बारे में डॉ. कंबार जी के विचार – ’ हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है । राष्ट्र में एकता लाने के लिए हिन्दी भाषा अत्यंत उपयोगी है । आजकल यह संपर्क भाषा के रुप में प्रचलित है । हमें आपसी व्यवहार के लिए हिन्दी सीखना जरुरी है ।
* पद्य :- अभिनव मनुष्य
१. दिनकर जी के अनुसार मानव का सही परिचय क्या है ?
उत्तर :- दिनकर जी के अनुसार मानव का सही परिचय है कि बुध्दि का अहंकार छोडकर प्रेम से दिल जीतना, द्वेष-ईर्ष्या त्यागकर भाईचारे से रहना, मानव मानव के बीच प्यार का रिश्ता जोडना । यही बातें मानव का परिचय देती है । 
२. दिनकर जी के अनुसार मानव के लिए श्रेयस्कर क्या है ?
उत्तर :- दिनकर जी के अनुसार मानव के लिए श्रेयस्कर यह है कि जो मानव दूसरे मानव से प्रेम का रिश्ता जोडकर आपस की दूरी को मिटाए वही मानव कहलाने का अधिकारी है।
* पद्य :- सूर श्याम
१.कृष्ण बलराम के साथ खेलने कों नहीं जाना चाहता ?
उत्तर :- कृष्ण बलराम के साथ खेलने  जाना नहीं चाहता क्योंकि बलराम कृष्ण को चिढाता है, कहता है यशोदा माँ ने उसे जन्म नहीं दिया है बल्कि कृष्ण को मोल लिया गया है ।
२. कृष्ण अपनी माता यशोदा के प्रति क्यों नाराज है ?
उत्तर :- माता यशोदा भैय्या बलराम को कभी मारती नहीं पीठती नहीं इसलिए कृष्ण अपनी माता के प्रति नाराज है ।
३. यशोदा कृष्ण के क्रोध को कैसे शांत करती है ?
उत्तर :- यशोदा कृष्ण के क्रोध को शांत करने के लिए कृष्ण के क्रोधित मुख को चुमते हुए माता यशोदा कृष्ण को सांत्वना देती है कि बलराम तो जन्म से ही चुगलखोर और बडा दुष्ट है । गोधन की कसम मैं तेरी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है ।
* पाठ :- शनि
१. सूर्य के पुत्र कौन थे ? शनै:चर का अर्थ क्या है ?
उत्तर :- शनि महाराज सूर्य के पुत्र थे । शनै:चर का अर्थ होता है – धीमी गति से चलनेवाला ।
२. शनि का निर्माण किस प्रकार हुआ है ?
उत्तर :- बृहस्पति की तरह शनि का वायुमंदल भी हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन तथा एमोनिया गैसों से शनि का निर्माण हुआ है ।
* पाठ :- सत्य की महिमा
१.सत्य क्या होता है ? उसका रुप कैसे होता है ?
उत्तर :- जो कुछ भी अपनी आँखों से देखा, बिना नमक-मिर्च लगाए बोल दिया- यही तो सत्य है । सत्य दृष्टि का प्रतिबिंब है, ज्ञान की प्रतिलिपि है, आत्मा की वाणी है । यही सत्य का रुप होता है ।
२. शास्त्र में सत्य बोलने का तरीका कैसे समझाया गया है ?
उत्तर :- शस्त्र में सत्य बोलने का तरीका ऐसे समझाया गया है कि- ’सत्यं ब्रूतात, प्रियं ब्रूयात, न ब्रूयात सत्यमप्रियम’ अर्थात, सच बोलो जो दूसरों को प्रिय लगे, अप्रिय सत्य मत बोलो ।
३. हर स्थिति में सत्य बोलने का अभ्यास क्यों डालना चाहिए ?
उत्तर :- हर स्थिति में सत्य बोलने का अभ्यास डालना चाहिए क्योंकि सत्य वह चिनगारी है असत्य पल भर में भस्म हो जाता है ।
* पाठ :- अनमोल समय
१. समय को अमूल्य क्यों माना जाता है ?
उत्तर :- समय अनमोल रत्न है । समय ही जीवन है । हमारा जीवन इसी समय से बना है । समय के नष्ट हो जाने से जीवन भी विनष्ट हो जाता है । खोया हुआ समय बार-बार नहीं आता ।
३. जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक तत्व कौन सा है ?

उत्तर :- जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक तत्व है कि – समय कभी रुकता नहीं है । इसलिए सबको साथ-साथ चलकर उसका सदुपयोग कर लेना चाहिए ।  


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