Friday 25 September 2015

हिन्दी बांधने के चाबियाँ

अ आ इ ई उ ऊ ऋ

a aa i ii u uu (U) RRi

ए ऐ ओ औ अं अः

e ai o au aM aH

क ख ग घ ङ

ka kha ga gha ~Na

च छ ज झ ञ

cha chha ja jha ~na

ट ठ ड ढ ण

Ta Tha Da Dha Na

त थ द ध न

ta tha da dha na

प फ ब भ म

pa pha ba bha ma

य र ल व

ya ra la va

श ष स ह

sha Sha sa ha

क्ष त्र ज्ञ

xa tra GYa

क का कि की कु कू कृ के कै

ka kaa ki kI ku kU kRRi ke kai

को कौ कं कः

ko kau kaM kaH

ख खा खि खी खु खू

kha khaa khi khI khu khU

खृ खे खै खो खौ

khRRi khe khai kho khau

खं खः

khaM khaH

ग गा गि गी गु गू गृ गे गै

ga gaa gi gI gu gU grRi ge gai

गो गौ गं गः

go gau gaM gaH

घ घा घि घी घु घू घृ

gha ghaa ghi ghI ghu ghU ghRRi

घे घै घो घौ घं घः

ghe ghai gho ghau ghaM ghaH

ङ ङा ङि ङी ङु ङू ङृ

~Na ~Naa ~Ni ~NI ~Nu ~NU ~NRRi

ङे ङै ङो ङौ ङं ङः

~Ne ~Nai ~No ~Nau ~NaM ~NaH

च चा चि ची चु चू चृ

cha chaa chi chI chu chU chRRi

चे चै चो चौ चं चः

che chai cho chau chaM chaH

छ छा छि छी छु छू छृ

chha chhaa chhi chhI chhu chhU chhRRi

छे छै छो छौ छं छः

chhe chhai chho chhau chhaM chhaH

ज जा जि जी जु जू जृ

ja jaa ji jI ju jU jRRi

जे जै जो जौ जं जः

je jai jo jau jaM jaH

झ झा झि झी झु झू झृ

jha jhaa jhi jhI jhu jhU jhRRi

झे झै झो झौ झं झः

jhe jhai jho jhau jhaM jhaH

ञ ञा ञि ञी ञु ञू ञृ

~na ~naa ~ni ~nI ~nu ~nU ~nRRi

ञे ञै ञो ञौ ञं ञः

~ne ~nai ~no ~nau ~naM ~naH

ट टा टि टी टु टू टृ

Ta Taa Ti TI Tu TU TRRi

टे टै टो टौ टं टः

Te Tai To Tau TaM TaH

ठ ठा ठि ठी ठु ठू ठृ

Tha Thaa Thi ThI Thu ThU ThRRi

ठे ठै ठो ठौ ठं ठः

The Thai Tho Thau ThaM ThaH

ड डा डि डी डु डू डृ

Da Daa Di DI Du DU DRRi

डे डै डो डौ डं डः

De Dai Do Dau DaM DaH

ढ ढा ढि ढी ढु ढू ढृ

Dha Dhaa Dhi DhI Dhu DhU DhRRi

ढे ढै ढो ढौ ढं ढः

Dhe Dhai Dho Dhau DhaM DhaH

ण णा णि णी णु णू णृ

Na Naa Ni NI Nu NU NRRi

णे णै णो णौ णं णः

Ne Nai No Nau NaM NaH

त ता ति ती तु तू तृ

ta tA ti tI tu tU tRRi

ते तै तो तौ तं तः

te tai to tau taM taH

थ था थि थी थु थू

tha thA thi thI thu thU

थृ थे थै थो थौ थं थः

thRRi the thai tho thau thaM thaH

द दा दि दी दु दू दृ

da dA di dI du dU dRRi

दे दै दो दौ दं दः

de dai do dau daM daH

ध धा धि धी धु धू धृ

dha dhA dhi dhI dhu dhU dhRRi

धे धै धो धौ धं धः

dhe dhai dho dhau dhaM dhaH

न ना नि नी नु नू नृ

na nA ni nI nu nU nRRi

ने नै नो नौ नं नः

ne nai no nau naM naH

प पा पि पी पु पू पृ

pa pA pi pI pu pU prRi

पे पै पो पौ पं पः

pe pai po pau paM paH

फ फा फि फी फु फू फृ

pha phA phi phI phu phU phrRi

फे फै फो फौ फं फः

phe phai pho phau phaM phaH

ब बा बि बी बु बू बृ

ba bA bi bI bu bU brRi

बे बै बो बौ बं बः

be bai bo bau baM baH

भ भा भि भी भु भू भृ

bha bhA bhi bhI bhu bhU bhRRi

भे भै भो भौ भं भः

bhe bhai bho bhau bhaM bhaH

म मा मि मी मु मू मृ

ma mA mi mI mu mU mRRi

मे मै मो मौ मं मः

me mai mo mau maM maH

य या यि यी यु यू यृ

ya yA yi yI yu yU yRRi

ये यै यो यौ यं यः

ye yai yo yau yaM yaH

र रा रि री रु रू रृ

ra rA ri rI ru rU rRRi

रे रै रो रौ रं रः

re rai ro rau raM raH

ल ला लि ली लु लू लृ

la lA li lI lu lU lRRi

ले लै लो लौ लं लः

le lai lo lau laM laH

व वा वि वी वु वू वृ

va vA vi vI vu vU vRRi

वे वै वो वौ वं वः

ve vai vo vau vaM vaH

श शा शि शी शु शू शृ

sha shA shi shI shu shU shRRi

शे शै शो शौ शं शः

she shai sho shau shaM shaH

ष षा षि षी षु षू षृ

Sha ShA Shi ShI Shu ShU ShRRi

षे षै षो षौ षं षः

She Shai Sho Shau ShaM ShaH

स सा सि सी सु सू सृ

sa sA si sI su sU sRRi

से सै सो सौ सं सः

se sai so sau saM saH

ह हा हि ही हु हू हृ

ha hA hi hI hu hU hRRi

हे है हो हौ हं हः

he hai ho hau haM haH

क्ष क्षा क्षि क्षी क्षु क्षू क्षृ

xa xA xi xI xu xU xRRi

क्षे क्षै क्षो क्षौ क्षं क्षः

xe xai xo xau xaM xaH

त्र त्रा त्रि त्री त्रु त्रू त्रृ

tra trA tri trI tru trU trRRi

त्रे त्रै त्रो त्रौ त्रं त्रः

tre trai tro trau traM traH

ज्ञ ज्ञा ज्ञि ज्ञी ज्ञु ज्ञू

GYa GYA GYi GYI GYu GYU

ज्ञृ ज्ञे ज्ञै ज्ञो ज्ञौ

GYRRi GYe GYai GYo GYau

ज्ञं ज्ञः

GYaM GYaH

में meM

नहीं nahIM

गृह gRRiha

क्रम krama

कृष्ण kRRiShNa

आँख A.Nkha

तृप्त tRRipta

राष्ट्रीय rAShTrIya

प्रकृति prakRRiti

क्षत्रीय xatrIya

ऑफीस o.cphIsa

उच्चारण uchchAraNa

डॉ Do.c

डॉक्टर Do.ckTara

जगत् jagat

मूल्यांकन mUlyAMkana

तंत्रज्ञान taMtraGYAna

बढ़िया ba.DhiyA

चित्रदुर्गा chitradurgA

Read More


Tuesday 1 September 2015

दसवीं कक्षा का अध्ययन सामग्री

पर्यायवाची शब्द

आयु = उम्र = वय

विपुल = बहुत = ज्यादा

स्पूर्ति = उत्साह = उमंग

संपदा = संपत्ति

गौरव = सम्मान = मान

गात = शरीर = देह

आहार = खाना = भोजन

विस्मय = अचरज = आश्चर्य

हिम्मत = साहस = धैर्य

खोज = तालाश = ढूँढ

सागर=सिंधु =रत्नाकर =वारिधि

आगार = आकर

जल = पानी = नीर = सलिल

आकाश = नभ = बानु

शाम = संध्या = साँझ

माल = चीज = वस्तु

दुनिया = जग = लोक

बोझ = भार = वजन

उम्मीद = भरोसा = यकीन

अभिनव = नया = नवीन

हिम्मत्त = धैर्य = धीरज

सेवा = कार्य = व्यवसाय

पेड = तरु = वृक्ष

पक्षी = विहग = पंछी

महिला = स्त्री = औरत = नारी

तबीयत =स्वास्थ्य = तंदोरुस्ती

मैया = माँ = माता

कारक

१. कर्ता कारक - राम ने

२. कर्म कारक - राम को

३. करण कारक - राम हल से

४. संप्रदान कारक – राम के लिए, को

५. अपादान कारक - राम से

६. संबंध कारक – राम का, की, के

७. अधिकरण कारक- राम में, पर

८. संबोधन कारक - अरे!, वाह!

विलोमार्थक शब्द

ब॒डा * छोटा

प्रसिद्ध * कुप्रसिद्ध

औपचारिक * अनौपचारिक

आरंभ * अंत / अंत्य

पूर्व * पश्चिम

निकट * दूर,

जवाब * सवाल

पाप * पुण्य

आशा * निराशा

स्वीकार * अस्वीकार

होश * बेहोश

बढाना * घटाना

स्थिर * अस्थिर

मुमकिन * नाममुमकिन

वरदान * अभिशाप

सदुपयोर * दुरुपयोग

उपयुक्त * अनुपयुक्त

दिन * रात

भीतर * बाहर

चढना * उतरना

उपयोगी * अनुपयोगी

उपस्थित * अनुपस्थित

उचित * अनुचित

प्रिय * अप्रिय

संतोष * असंतोष

अना * जाना

शांति * अशांति

गरीब * अमीर

सुंदर * कुरूप

विदेश * स्वदेश

रोजगार * बेरोजगार

आगे * पीछे

खरीदना * बेचना

लेना * देना,

सज्जन * दुर्जन

सदाचार * दुराचार

आयात * निर्यात

आगमन * निर्गमन

सजीव * निर्जीव

जन्म * मरण

अंधकार * प्रकाश

आय * व्यय

आगे * पीछे

अमृत * विष / मृत

आधार * निराधार

चल * अचल

लिखित * अलिखित

आवश्यक अनावश्यक

स्वस्थता * अस्वस्थता

समास

१. अव्ययीभाव समास

जन्म से लेकर = आजन्म

खटके के बिना = बेखटके

पेट भर = भरपेट

बिना जाने = अनजाने

२. कर्मधारया समास

सत है जो धर्म = सद धर्म

पीत है जो अंबर = पीतांबर

कनक के समान लता = कनकलता

चंद्रमा रूपी मुख = चंद्रमुखी

३. तत्पुरुष समास

स्वर्ग को प्राप्त = स्वर्गप्राप्त

ग्रंथ को लिखनेवाला = ग्रंथकार

गगन को चूमनेवाला = गगनचुंबी

सूर के द्वारा कृत = सूरकृत

४. द्विगु समास

सात सौ दोहों का समूह = सतसई

तीन धाराएँ = त्रिधारा

पाँच वटों का समूह = पंचवटी

चार राहों का समूह = चौराहा

५. द्वंद्व समास

सीता और राम = सीता-राम

पाप अथवा पुण्य = पाप-पुण्य

सुख या दुःख = सुख-दुःख

भला या बुरा = भला-बुरा

६. बहुव्रीहि समास

महान है आत्मा जिसकी = महात्मा

घन के समान श्याम है जो = घनश्याम

तीन हैं नेत्र जिसके = त्रिनेश

नील है कंठ जिसका = नीलकंठ

विराम चिन्ह

१. अल्प विराम - ,

२. अर्ध विराम - ;

३. पूर्ण विराम -

४. प्रश्न चिन्ह - ?

५. विस्मयादिबोधक चिन्ह - !

६. योजक चिन्ह - -

७. उद्दरण चिन्ह - ‘ ’, “ ”

८. कोष्टक चिन्ह - ( )

९. विवरण चिन्ह - :- , :

छुट्टी पत्र

प्रेषक

राजु,

१० वीं कक्षा,

अ ब क हाईस्कूल,

बेंगलूरु।

सेवा में,

मान्य प्रधानाध्यापकजी,

अ ब क हाईस्कूल,

बेंगलूरु।

मान्यवर,

विषय- छुट्टी के लिए प्रार्थना ।

उपर्युक्त विषय के आधार पर मेरा निवेदन यह है कि दि-२०-६-१५ और २१-६-१५ को मेरी बहन की शादी है। इसलिए आप मुझे उन दो दिन छुट्टी प्रदान करें।

धन्यवाद के साथ,

आपका विधेय विद्यार्थी,

राजु

पिताजी को पत्र

कुशल, दिनांक- २०-६-१५

पूज्य पिताजी,

सादर प्रणाम,

मैं यहाँ ठीक हूँ। आप सब भी वहाँ ठीक होंगे।

हमारे पाठशाला में शैक्षिक यात्रा जा रहें हैं। इसलिए मैं भी जाना चाहता हूँ । इसलिए आप मुझे २००० रुपए पैसे भेज दीजिए।

आपका अज्ञाकारी पुत्र,

राजु।

सेवा में,

श्री रमेश,

१०, सरकारी पाठशाला की रास्ता,

बेलूर।

हासन (जि)।

प्रेरणार्थक क्रिया

उडना-उडाना-उडवाना

उठना-उठाना-उठवाना

पढना-पढाना-पढवाना

उठना-उठाना-उठवाना

करना-कराना-करवाना

चलना-चलाना-चलवाना

लिखना-लिखाना-लिखवाना

दौडना-दौडाना-दौडवाना

ओढना-ओढाना-ओढवाना

जागना-जगाना-जगवाना

जीतना-जिताना-जितवाना

खेलना-खिलाना-खिलवाना

बैठना-बिठाना-बिठवाना

चिपकना-चिपकाना-चिपकवाना

मिलना-मिलाना-मिलवाना

छेडना-छिडाना-छिडवाना

भेजना-भिजाना-भिजवाना

सोना-सुलाना-सुलवाना

रोना-रुलाना-रुलवाना

धोना-धुलाना-धुलवना

पीना-पिलाना-पिलवाना

सीना-सिलाना-सिलवाना

ठरना-ठराना-ठहरवाना

देखना-दिखाना-दिखवाना

लौटना-लौटाना-लौटवाना

उतरना-उतराना-उतरवाना

पहनना-पहनाना-पहनवाना

बनना-बनाना-बनवाना

मुहावरे

होशहवास उडना = घबरा जाना।

बाल-बाल बचना = खतरे से बच जाना

सातवें आसमान पर पहुँचना =

अधिक होना |

श्री गणेश करना = प्रारंभ करना।

आँखें लाल होना = गुस्सा करना ।

घोडे बेचकर सोना = निश्चिंत होना ।

नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना ।

पसीना बहाना = परिश्रम करना ।

हिम्मत न हारना = धीरज रखना ।

बीडा उठाना = जिम्मेदारी लेना।

चने के झाड पर बिठाना =

अधिक प्रशंसा करना।

अंगूठा दिखाना = देने से इन्कार करना।

दाल न गलना = सफल न होना ।

लिंग

पुल्लिंग स्त्रीलिंग

छात्र-छात्रा

अचार्य-अचार्या

नर-नारी

नाना-नानी

कुत्ता-कुतिया

बेटा-बिटिया

सुनार-सुनारिन

लुहार-लुहारिन

ठाकुर-ठकुराइन

हलवाई-हलवाइन

बालक-बालिका

सेवक-सेविका

सेठ-सेठनी

नौकर-नौकरानी

शेर-शेरनी

श्रीमान-श्रीमती

भाग्यवान-भाग्यवती

स्वामी-स्वामिनी

एकाकी-एकाकिनी

दाता-दात्री

विधाता-विधात्री

भाई-बहन

नर-मादा

कवि-कवयित्री

लेखक-लेखिका

युवक-युवती

मोर-मोरनी

मालिक-मालकिन

भिकारी-भिकारिन

बच्चा-बच्ची

बूढा-बुढिया

पति-पत्नी

पिता-माता

माँ-बाप

महिला-पुरुष

आदमी-औरत

राजा-रानी

पुरुष-स्ती

मर्द-औरत

शेर-शेरनी

वचन

एकवचन-बहुवचन

योजना-योजनाएँ

कविता-कविताएँ

कहानी-कहानियाँ

कला-कलाएँ

उपाधी-उपाधियाँ

उडान-उडानें

आँख-आँखें

रुपया-रुपए

पैसा-पैसे

रोटी-रोटियाँ

परदा-परदे

कमरा-कमरे

दायरा-दायरे

किताब-किताबें

जगह-जगहें

कोशिश-कोशिशें

खबर-खबर

युग-युग

दोस्त-दोस्त

कंप्यूटर-कंप्यूटर

रिश्तेदार-रिश्तेदार

जानकारी-जानकारियाँ

चिट्ठी-चिट्ठियाँ

जिंदगी-जिंदगियाँ

जीवनशैली-जीवनशैलियाँ

उँगुली-उँगुलियाँ

खिडकी-खिडकियाँ

पंजा-पंजे

लिफाफा-लिफाफे

कौआ-कौए

गमला-गमले

घोंसला-घोंसले

मूर्ति-मूर्तियाँ

कृति-कृतियाँ

नीति-नीतियाँ

संस्कृति-संस्कृतियाँ

पद्धति-पद्धतियाँ

कपडा-कपडे

चादर-चादर

बात-बातें

संधि

स्वर संधि

१.दीर्घ संधि

समान+अधिकार

धर्म+आत्मा

विद्या+अर्थी

कवि+इंद्र

गिरि+ईश

लघु+उत्तर

२.गुण संधि

गज+इंद्र

परम+ईश्वर

महा+इंद्र

रमा+ईश

वार्षिक+उत्सव

महा+ऋषि

३.वृद्धि संधि

एक+एक

सदा+एव

वन+औषध

यण संधि

अति+अधिक

इति+आदि

सु+आगत

४.अयादि संधि

ने+अन

गै+अक

नै+इका

व्यंजन संधि

दिक+गज

सत+वाणी

षट+दर्शन

विसर्ग संधि

निः+चय

निः+कपट

दुः+गंध

प्रभो !

विमल इन्दु की विशाल किरणें

प्रकाश तेरा बता रही हैं

अनादि तेरी अनन्त माया

जगत को लीला केखा रही है !

प्रसार तेरी दया का कितना

देखना हो तो देखे सागर

तेरी प्रशंसा का राग प्यारे

तरंगमालाएँ गा रही हैं।

जो तेरी होवे दया दयानिधि

तो पूर्ण होते सबके मनोरथ

सभी ये कहते पुकार करके

यही तो अशा दिला रही है !

मातृभूमि

मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!

अमरों की जननी,

तुमको शत-शत बार प्रणाम!

मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!

तेरे उर में शायित गांधी, बुद्ध और राम,

मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!

हरे-भरे हैं खेत सुहाने,

फल-फूलों से युत वन-उपवन,

तेरे अंदर भरा हुआ है

खनिजों का कितना व्यापक धन।

मुक्त हस्त तू बाँट रही है

सुख-संपत्ति, धन-धाम,

मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!

एक हाथ में न्याय-पताका,

ज्ञान-दीप दूसरे हाथ में,

जग का रूप बदल दे, हे माँ,

कोटि-कोटि हम आज साथ में।

गूँज उठे जय-हिन्द नाद से -

सकल नगर और ग्राम,

मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!

तुलसी के दोहे

मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक ।

पालै पोसै सकल अँग्म तुलसी सहित विवेक ॥१||

जड चेतन, गुण-दोषमय, विस्व कीन्ह करतार ।

संत-हंस गुण गहहिं पय, परिहरि वारि विकार ॥२||

दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान ।

तुलसी दया न छाँडिये, जब लग घट में प्राण ॥३||

तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।

साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसो एक ॥४||

राम नाम मनि दीप धरु जीह देहरी द्वार ।

तुलसी भीतर बाहिरौ जो चाहसी उजियार ॥५||

Read More



© Copyright 2012, Design by Lord HTML. Powered by Blogger.