* गिल्लू :- (जोडकर)
गिल्लू पाठ -
रेखाचित्र
गिल्लू पाठ की लेखिका
– महादेवी वर्मा
आधुनिक मीरा - महादेवी
वर्मा
महादेवी वर्मा –
ज्ञानपीठ पुरस्कार – 1982 – यामा को
गिल्लू यानी – गिलहरी
गिल्लू का प्रिय खाद्य
– काजू
गिलहरी की – चमकीली
आँखें
गिलहरी की जीवन अवधि –
दो वर्ष
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कर्नाटक संपदा :- (जोडकर)
कर्नाटक संपदा पाठ –
निबंध
कर्नाटक के पश्चिम में
– अरबी समुद्र
कर्नाटक – चंदन का
आगार
कर्नाटक के दक्षिण से
उत्तर की छोर तक – पश्चिमी घाट
कर्नाटक के दक्षिण में
– नीलगिरी पर्वत
कर्नाटक की राजधानी –
बेंगलूरु
सिलीकान सिटी –
बेंगलूरु
डॉ. सी.एन.आर. राव –
भारत रत्न – 2013
श्रवणबेलगोल –
गोमटेश्वर (बाहुबली) की प्रतिमा – 57 फूट
बसवण्णा – क्रन्तिकारी
समाज सुधारक
गोलगुंबज में –
वास्तुकाला
बेलूर के शिल्पों में –
शिल्पकला
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आत्मकथा :- (अनुरुपता)
आत्मकथा – आत्मकथांश
आत्मकथा पाठ के लेखक –
भिष्म साहनी
रेस्तराँ का मालिक –
चीनी
साहनी अध्यापन के
साथ-साथ – कपडे का व्यापार
साहनी जी को प्रेरणा
मिली – अंग्रेजी अध्यापक से
साहनी ने गांधीजी को
देखा – सेवाग्राम में
साहनी ने खादी का
कुर्ता पहना – विद्रोह के लिए
साहनी की बुआ की बेटी
– श्रीमती सत्यवती मलिक
साहनी जी की घर का
वातावरण – साहित्यिक
भाग्यरेखा – भीष्म
साहनी
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ईमानदारों के सम्मेलन में :- (जोडकर)+(अनुरुपता)
ईमानदारों के सम्मेलन
में पाठ के लेखक – हरिशंकर परसाई
ईमानदारों के सम्मेलन
में की विधा – व्यंग्य
देश के प्रसिध्द
ईमानदार – लेखक (हरिशंकर परसाई)
सम्मेलन के उद्घाटक,
मुख्य अतिथि - लेखक (हरिशंकर परसाई)
हिंदी के व्यंग्य
साहित्यकार - हरिशंकर परसाई
होटेल के कमरे में –
तिस-पैंतीस प्रतिनिधि
ब्रीफकेस में – कागजात
थे
तीसरे दिन – कंबल गायब
पहले दिन – लेखक की
चप्पले गायब
लेखक की चप्पलें –
ईमानदार डेलिगेट ने पहनी थी
पहनने के कपडे –
सिरहाने दबाकर सोये
सम्मेलन का उद्घाटन –
शानदार हुआ
धूप का चश्मा – कमरे
के टेबुल पर
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साहित्य सागर का मोती :- (अनुरुपता)
साहित्य सागर का मोती
एक – साक्षात्कार है
डॉ. चंद्रशेखर कंबार –
ज्ञानपीठ पुरस्कार – 2010 – समग्र साहित्य
जन्म – घोडगेरी
(हुक्केरी बेलगांव)
घोडगेरी – घटप्रभा नदी
के तट पर
कंबार की शिक्षा –
एम.ए., पी.एच.डी. – कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड
लोकसाहित्य में रुचि –
पौराणिक प्रसंगों को सुनकर
प्रोफेसर – दो वर्ष –
अमेरीका के शिकागो विश्वविद्यालय
संस्थापक/उपकुलपति –
कन्नड विश्वविद्यालय हंपी
हिन्दी हमारी –
राष्ट्रभाषा है
आपसी व्यवहार के लिए –
हिंदी सीखना जरूरी है
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अभिनव मनुष्य :- (अनुरुपता)
अभिनव मनुष्य कविता के
कवि – रामधारीसिंह दिनकर
रामधारीसिंह दिनकर –
ज्ञानपीठ पुरस्कार – 1972 – उर्वशी को
आधार ग्रंथ –
कुरुक्षेत्र का षष्ठ सर्ग
आधुनिक मनुष्य –
प्रकृति पर विजय
मनुष्य की साधना का
वर्णन – अभिनव मनुष्य
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सूरश्याम :- (जोडकर)
सूरश्याम कविता के कवि
– सूरदास
सूरदास – हिंदी
साहित्याकाश के सूर्य
यशोदा – कृष्ण की माता
नंद – कृष्ण के पिता
यशोदा-नंद – गोरे
कृष्ण – काला, स्याम
बलराम – कृष्ण के भैया
चुटकी दे-देकर – ग्वाल
हंसते
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