Wednesday 21 October 2015

शब्द विचार

शब्दः- एक या एक से अधिक सार्थक ध्वनियों के समूह को शब्द कहते हैं।

                        जैसेः काम,जा मामा,तू-आदि।

शब्द अर्थ की दृष्टि से दो प्रकार होते हैं।

1.सार्थकः जिन शब्दों का कोई अर्थ होता है,उसे सार्थक कहते हैं।

जैसेः राजा, रानी, पानी

2.निर्थकः जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता है,उसे निर्थक कहते हैं।

जैसेः नीपा,बदी,अल-आदि

विकार की दृष्टि से शब्द दो प्रकार के होते हैं।

1.विकारी

               उन शब्दों को विकारी कहते हैं,जो शब्द लिंग,वचन, कारक और काल के अनुसार परिवर्तित होते हैं।

जैसेः चलना शब्द चलता, चलती, चलेगा, चलेगी, चलेंगे।

2.अविकारी

               उन शब्दों को अविकारी कहते हैं, जो शब्द लिंग,वचन, कारक और काल के अनुसार नहीं बदलते हैं।

जैसेःधीरे-धीरे,कब,जब,तब,हाय,परंतु, और,तथा लेकिन किंतु-आदि।

विकारी शब्दों के भेदः-

विकारी शब्दों के चार भेद हैं-

1.संज्ञा

2.सर्वनाम

3.विशेषण

4.क्रिया

1.संज्ञाः

         नाम सूचित शब्द को संज्ञा कहते हैं।

जैसेः रमेश,लड़का,अच्छा,सेना,पानी-आदि।

2.सर्वनामः

            नाम बदले जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है। उसे सर्वनाम कहते हैं।

जैसेःमैं,हम,तू,तुम,आप,वह,वे,यह,ये,कौन,कोई-आदि।

3.विशेषणः

            जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है,उसे विशेषण कहते हैं।

जैसेः सुंदर, बुरा, छोटा, बड़ा,नीला, हरा-आदि

4.क्रियाः

           जिस शब्द से कोई काम होने या पाने का बोध हो, उसे क्रिया शब्द कहते हैं।

जैसेःखाना,पीना,जाना,उठना,चलना,धोना-आदि।

अविकारी शब्द के चार भेद होते हैं-

1.क्रिया विशेषण

2.संबंधबोधक

3.सम्मुच्चयबोधक

4.विस्मयादि बोधक

1.क्रिया विशेषण

       जो शब्द क्रिया की विशेषता बताता है,उसे क्रियाविशेषण नाम से जाना जाता है।

जैसेःअधिक,धीरे-धीरे,तेज-आदि

2.संबंधबोधकः

      जो शब्द संबंध सूचित करता है,उसे संबंधबोधक कहते हैं।

जैसेःऊपर,नीचे,के सामने,की ओर-आदि

3.समुच्चय बोधक

        जो शब्द दो शब्द या वाक्य के बीच आकर संबंध स्थापित करता है, उसे समुच्चयबोधक कहते हैं।

जैसेः और,तथा,या,लेकिन,कि-आदि।

4.विस्मयादिबोधकः

       जो शब्द हर्ष,भय,शोक-आदि भावसूचक के लिए प्रयुक्त होते हैं,उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।

जैसेःअरे,शाबास,हाय,अच्छा,हे-आदि

डॉ.एस.विजीचक्केरे


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