आधुनिक हिंदी के श्रेष्ठ कवि जयशंकर प्रसाद का जन्म काशी के एक धनी परिवार में सन् 1889 में हुआ था।
उनके पिता देवी प्रसाद थे।
प्रसाद जी का बचपन बड़े सुख में बीता, किंतु पिता की मृत्यु के बाद उनको विपत्तियों का सामना करना पड़ा।
केवल 48 वर्ष की अल्पायु में सन् 1937 में उनका निधन हो गया।
उन्होंने हिंदी के अलावा संस्कृत, अंग्रेजी, भाषाओं के साहित्य का अध्ययन किया था।
कानन कुसुम उनका पहला काव्य-संग्रह है।
झरना,आँसू,लहर,कामायनी,आकाशदीप,आँधी,चंद्रगुप्त,ध्रुवस्वामिनी,कंकाल, इरावती,तितली,आदि उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं।
प्रस्तुत कविता को उनके कानन कुसुम काव्य-संकलन से लिया गया है।
SOURCE: HINDI VALLARI,10TH STD, KTBS,DSERT,BANGALURU
No comments:
Post a Comment